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मरघट वाले बाबा |

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चेतावनी : सभी भक्तों से निवेदन है की मंदिर परिसर या बाहर किसी भी व्यक्ति को मंदिर के नाम पर दान या शृंगार लेने की अनुमति नहीं है , इसीलिए किसी व्यक्ति को दान देने से बचें । अगर कोई व्यक्ति मंदिर के नाम पर दान ले रहा है तो तुरंत मदिर ट्रस्ट को सूचित करें । || मंदिर से संबंधित किसी भी कार्य के लिए महंत जी से संपर्क करें।

इतिहास

राजधानी दिल्‍ली में निगम बोध घाट के सामने हनुमान सेतु के पास यमुना बाजार स्थित मरघट वाले बाबा के नाम से विख्यात प्राचीन हनुमान मन्दिर है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है। हनुमान जी का यह मन्दिर पांडवकालीन है, लोक्श्रुत के अनुसार जब पाण्डव कुरूक्षेत्र की रणभूमि से विजय प्राप्त करके लौट रहे थे, तब राम भक्त हनुमान रथ की ध्वजा से इसी स्थल पर उतर गये थे। भगवान श्री कृष्ण के कहने पर भी हनुमान जी ने आगे जाना मंजूर नहीं किया। उनका कहना था कि पाण्डव पुत्र भीम के अनुरोध पर मैं अर्जुन की रक्षा हेतु रथ की ध्वजा पर आरूढ़ हुआ था, अब महाभारत युद्ध में पाण्डब विजयी हो चुके हैं, इसलिए मेरा कार्य भी पूरा हो चुका है। अतः अब मैं यही स्थापित रहूंगा। तब भगवान श्री कृष्ण ने अपने प्रिय 'पांचजन्य' शंख से उद्घोष किया और कहा कि आने वाले कलयुग में यह स्थान मोहमाया ग्रस्त मानवों को सदज्ञान की प्राप्ति का स्थान बनेगा।

श्रृंगार

समय

₹ 11,000 मात्र

मरघट वाले हनुमान जी का सिंदूर व चोला श्रृंगार की बुकिंग के लिए |

दर्शन का समय

मंगलवार
5:AM to 10:30PM
अन्य दिन
सुबह- 6:00AM to 12PM | शाम 4:00 PM to 8:00PM

श्रृंगार

पंचांग

₹ 11,000

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समय

दर्शन का समय

मंगलवार
5:AM to 10:30PM
अन्य दिन
सुबह- 6:00AM to 12PM | शाम 4:00 PM to 8:00PM

दर्शन का समय

मंगलवार
5:AM to 10:30PM
अन्य दिन
सुबह- 6:00AM to 12PM | शाम 4:00 PM to 8:00PM

प्राचीन मंदिर ट्रस्ट के सदस्य

श्री महंत वरुण शर्मा (निदेशक)

फोन- +91 987654321

श्री महंत वरुण शर्मा (निदेशक)

फोन- +91 987654321

कैसे पहुंचें

चेतावनी : वीआईपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं है।

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